सावदाता रवि चौहान दिनाक 20/3/2020 शुक्रवार उत्तरी पूर्वी दिल्ली के गोकलपुरी विधानसभा के अंतर्गत राम विहार एक घर की छत पर लग रहे जिओ टावर लगने से जनता ने एसडीम आफिस पर लगाई गुहार।
टावर एक रिहायसी इलाके मे लगा हुआ घर 50 गज़ का बताया गया जिसका आधा काम बाकी है जनता ने बताया कि टावर से निकले वाली तरगों से हम लोग खाफी बीमारियों से ग्रस्त हो सकते है जनता ने बाताया जिस घर की छत पर लग रहे टावर के मकान मै नीचे एक पाइप की फैक्ट्री है जिसमे कुछ लोग काम भी करते है।उनके लिए भी इसकी तरंगे नुकसानदायक है आस पास के लोगो ने कई शिकायती पत्र भी दिए उसके बाद कलोनी मैं लग रहे टावर पर कोई रोक नही लग पाई।
गर की छत पर लग रहे टावर के आस पास की कलोनी मैं हज़ारो की सँख्या मैं लोग रहते है शुक्रवार दोपहर राम विहार अंबेडकर विहार कॉलोनी वासियों ने जमकर किया विरोध।
उसके बाद घर की छत पर लग रहे टावर के मालिक ने जनता को खूब दी गालियां और अपनी लाइसेंसी गन को दिखाकर डराया ओर दी जान से मारने की धमकी मामला आगे तक बढ़ा तो लोगो ने पुलीस को किया फ़ोन थाना करावल नगर पुलीस मोके पर पहुची उसके बाद जनता की एक न सुनी ।
स्थानीय विधायक सुरेंद्र चौधरी ओर एनजीओ आर डब्लू के लैटर पर छत पर लग रहे टावर न लगने पर कार्यवाही करने की अपील की फिर भी अधिकारी मौन एनजीओ का कहना है कि अगर नही हुई कोई कार्यवाही तो होगा बड़ा आंदोलन।
पब्लिक का कहना था कि डीडीए बिना जांच पड़ताल के घनी आबादी वाले एरिया में मोबाइल टावर लगाने की परमिशन दे देता है। टावर की लोकेशन के आसपास कई स्कूल थे जिससे रेडिएशन का असर बच्चों पर पड़ने का खतरा है । मोबाइल टावरों के रेडिएशन और उसके प्रभावों पर इनवेस्टिगेशन किया। पड़ताल में पता चला कि सैकड़ों की संख्या में मानक ताक पर रख लगाए गए टावर अम्बेडकर विहार ओर अन्य इलाके को बीमारियां बांट रहे हैं। दूरसंचार ओर डी डी ए के उच्च अधिकारी मामले को ले सज्ञान मै
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स हैं खतरनाक
मोबाइल टावर से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स कैंसर का कारण बनती हैं। इस रेडिएशन से जानवरों पर भी असर पड़ता है। यही वजह है कि जिस एरिया में मोबाइल टावरों की संख्या अधिक होती है, वहां पक्षियों की संख्या कम हो जाती है। ग्रामीण अंचल में इसी वजह से मधुमक्खियां समाप्त हो गई हैं।
किस एरिया में नुकसान सबसे ज्यादा?
एक्सपर्ट्स की मानें तो मोबाइल टावर के 300 मीटर एरिया में सबसे ज्यादा रेडिएशन होता है। एंटेना के सामनेवाले हिस्से में सबसे ज्यादा तरंगें निकलती हैं। जाहिर है, सामने की ओर ही नुकसान भी ज्यादा होता है। मोबाइल टावर से होने वाले नुकसान में यह बात भी अहमियत रखती है कि घर टावर पर लगे ऐंटेना के सामने है या पीछे। टावर के एक मीटर के एरिया में 100 गुना ज्यादा रेडिएशन होता है। टावर पर जितने ज्यादा एंटेना लगे होंगे, रेडिएशन भी उतना ज्यादा होगा।
रेडिएशन से ये होते हैं नुकसान
- थकान
- अनिद्रा
- डिप्रेशन
- ध्यान भंग
- चिड़चिड़ापन
- चक्कर आना
- याद्दाश्त कमजोर होना
- सिरदर्द
- दिल की धड़कन बढ़ता
- पाचन क्रिया पर असर
- कैंसर का खतरा बढ़ जाना
- ब्रेन ट्यूमर
टावर लगाने के ये हैं नियम
- छतों पर सिर्फ एक एंटीना वाला टावर ही लग सकता है।
- पांच मीटर से कम चौड़ी गलियों में टावर नहीं लगेगा।
- एक टावर पर लगे एंटीना के सामने 20 मीटर तक कोई घर नहीं होगा।
- टावर घनी आबादी से दूर होना चाहिए।
- जिस जगह पर टावर लगाया जाता है, वह प्लाट खाली होना चाहिए।
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