नागरिकता संशोधन बिल CAB) के खिलाफ राष्ट्रपति को दिया ज्ञापन: एडवोकेट प्रमोद निमेश


गाजियाबाद I


 भारत देश में नागरिकता संशोधन बिल (CAB) राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के लागु करने में  भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14,19,21,25 और 26 का उलघंन और NRC पुरे देश में लागु करने के बाद होने वाली भयावह स्थिति के विषय में ज्ञापन I
,
 उक्त विषयक का संज्ञान लें। वर्तमान सरकार नागरिकता अधिनियम 1955 को नागरिकता संशोधन बिल (CAB) 2019 को धर्म के आधार पर लागु करना चाहती है जोकि भारतीय संविधान की मूल भावना के विपरीत है और पूर्ण रूप से असंवेधानिक/ गैरसंवेधानिक है I सरकार पूरे देश में NRC लागू करने के लिए उतावली है जबकि देश के किसी भी हिस्से से किसी संगठन, दल, या विपक्ष के द्वारा NRC लागू करने कि मांग नहीं की जा रही है I वर्तमान सरकार इसे भविष्य में होने वाले चुनाव के लिए गैर मुस्लिम के पक्ष में अपना रास्ता साफ करना चाहती है जिससे वो इस कानून को ELELCTION TOOLS के रूप में इस्तेमाल कर्र पायें I सरकार का अपना ध्यान बेरोजगारी, आर्थिक बेहाली,अशिक्षा, किसानों व आम जनता की समस्या, महिला सुरक्षा, बीमारी – चिकित्सा, व पिछड़ेपन पर लगाना चाहिए जिसकी देश कि आवाम को अत्यन्त आवश्यकता है I जिसक वादा कर वर्तमान सरकार पूर्ण बहुमत में सत्ता में आयी थी I देश की जनता अपराध मुक्त माहौल, शिक्षा-चिकित्सा-सुरक्षा, रोजगार व आर्थिक प्रगति कि मांग कर रही है I लेकिन सरकार पूरे देश में हर हाल में NRC लागू करने के लिए उतावली नजर आ रही है I 
मैं मान्यवर का ध्यान वर्तमान सरकार के नये नागरिकता संशोधित विधेयक के कुछ मुख्य बिन्दुओं पर दिलाना चाहता हूँ जोकि पूर्ण रूप से संविधान के विरुद्ध है I भारत देश धर्म-निरपेक्ष देश है और भारतीय संविधान में धर्माधारित नागरिकता का प्रावधान नहीं है Iनागरिकता अधिनियम 1955 के अनुसार 19 जुलाई 1948 से पूर्व/तक निवास कर रहा व्यक्ति भारतीय नागरिक है और उसे 11 वर्ष भारत में निवास करते हुए हो गए है तो वो बिना धर्म/जातिगत भेदभाव के भारतीय नागरिकता की मांग कर सकता है I वर्तमान सरकार पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बंगला देश के गैर मुस्लिम ( हिन्दू,सिक्ख, इसाई,जैन, पारसी, बौद्ध ) को धार्मिक उत्पीडन के आधार पर 31-12-2014 से पूर्व (6 वर्ष से निवासी ) भारत में निवास करने वाले लोगों को भारतीय नागरिकता देने के लिए नागरिकता अधिनयम के प्रावधानों को संशोधन कर भारतीय नागरिकत देनी चाहती है और मुस्लिमो को 29-07-1948 तक के कानूनी दस्तावेज दिखाने होंगे नहीं तो अवैध रूप से रहे रहे मुस्लिमों की पहचान कर देश से बाहर निकला किया जायेगा I जबकि बांग्लादेश में हिन्दू उत्पीडन कि कोई घटना सामने नहीं आयी है  और श्रीलंका, म्यांमार, और नेपाल के हिन्दू,सिक्ख, इसाई,जैन, पारसी, बौद्ध को भारतीय नागरिकता देनी नहीं चाहती I जबकि पिछले आंकड़े उठा कर देंखे तो श्रीलंका, म्यांमार, और नेपाल देश में हिन्दू,सिक्ख, इसाई,जैन, पारसी, बौद्ध पर सबसे ज्यादा धार्मिक उत्पीडन हुआ है I सरकार केवल एक धर्म (मुस्लिम) के लोगों पर ही चुप्पी क्यों सधी हुई है I वर्तमान सरकार पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बंगला देश के गैर मुस्लिम ( हिन्दू,सिक्ख, इसाई,जैन, पारसी, बौद्ध ) को धार्मिक उत्पीडन के आधार पर नागरिकता देना चाहती है I क्या सरकार  देश को धर्म के आधार पर बाँटना चाहती है I  
वर्तमान सरकार के नये नागरिका संशोधन विधेयक से असम में NRC अपडेट करने से पर्व मे हुई कारवाही कचरे में चली जाएगी I जिससे बहुत बड़ी आर्थिक चोट अर्थव्यवस्था को लगेगी जिसे 23-03-1974 सुप्रीमकोर्ट की देख रेख में लागू किया गया था को लागू करने में 3.3 करोड़ नागरिकों का पंजीकरण,1200 करोड़ रूपये,52000 कर्मचारी, 9000 कॉन्ट्रैक्ट( संविदा) कर्मचारी व 6000 बाहर से मंगाए गए कर्मचारियों द्वार NRC पंजिकरण का कार्य किया गया था जिसमे से फिर भी 19,06,657 असम निवासी नागरिक NRC से बाहर रह गए थे जिसमे से अधिकतर हिन्दू थे I NRC लागू करने में अब उस मानसिक प्रताड़ना की जीत होगी जिसमे आज लगभग 40 लाख असम नागरिक प्रभावित होंगे I देश आज आर्थिक मंडी के दौर से गुजर रह है और यदि पूरे देश में NRC लागू होती है तो 5 लाख करोड़ और लाखों कर्मचारी व अन्य संशाधनों की आवश्यकता पड़ेगी I जिससे देश को आर्थिक संकट से गुजरना पद सकता है I देश को आज अपराध मुक्त माहौल, शिक्षा-चिकित्सा-सुरक्षा, रोजगार व आर्थिक प्रगति की अवश्यकता है I नाकि डर-भय और आतंक के माहौल की I
वर्तमान सरकार CAB-NRC को लागू करने के लिए एक बात कही गई कि हिन्दुओं को रहने के लिए केवल भारत देश है जबकि मुस्लिम कहीं भी रह सकते है I UNO के जनसंख्या शाखा के आंकड़ो के अनुसार 1.75 करोड़ भारतीय हिन्दू अन्य देशो में रह रहे है और लाखों लोगों ने अमेरिका में ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन किया हुआ है I जिसमे एक देश की नागरिकता ग्रहन करने के लिए दुसरे देश की नागरिका छोडनी पड़ती है I फिल्म स्तर अक्षय कुमार ने भारतीय नागरिकता छोड़ कनेडियन नागरिकता ग्रहन कि है और गायक पाकिस्तानी नागरिक अदनान शामी पर अब भारतीय नागरिकता है जिसके लिए उन्होंने पाकिस्तानी नागरिकता छोड़ी है I इससे प्रतीत होता है कि भारतीय नागरिक किसी भी देश कि नागरिक हो सकता है I सबसे पहले सरकार को दुसरे देश से आये उन लोगों को चिन्हित करना होगा जिन्हें उस देश कि नागरिकता छोड़ भारतीय नागरिकता ले या उन्हें उनके देश DEPORT किया जा सके जो कि इतने बड़े पैमाने पर नामुमकिन है I  
भारत के ग्रहमंत्री श्री अमित शाह जी द्वारा झारखण्ड की एक चुनावी सभा में कहा गया कि वह 2024 से पहले हर हाल में NRC पूरे देश में लागू कर देंगे I सरकार पूरे देश में राजनैतिक लाभ के लिए NRC लागू करना चाहती है सरकार देश कि जनता को केवल लाइनों में लगा कर अपना समय व्यतीत कर रही है  कभी नोटबंदी की लाइन में तो कभी खाता खोलने की लाइन में और अब देश की जनता को आपनी जीवनचर्या के आवश्यक कार्यो को को छोडकर अपने आप को भारतीय नागरिक साबित करने के लिए लाखों कि संख्या में लाइन में लगना पड़ रहा है I हिंदी मिडिया द्वारा अपना कर्तव्य ठीक से नहीं निभाया जा रहा है देश की जनता तक कुछ भी सही नहीं पहुँच रह है I विपक्ष जनता के मुद्दों सरकार के समक्ष ठीक से नहीं उठा पा रहा है I सरकार अपने राजनैतिक लाभ के लिए पूरे देश में NRC लागू कर कर नये नागरिकता संशोधित बिल को ELECTION TOOLS के रूप में उपयोग करेगी  और देश को धर्म के नाम पर बाँटने का काम कर देश में अशांति का माहौल बनाना चाहती है I 
 देश कि जनसंख्या में लगभग 20% अल्पसंख्यक, 8% आदिवासी, 18% अनुसूचित जाति के लोग निवास प्रजाति के लोग,अनुसूचित जाति व गरीब जनता के पास कोई भी कानूनी दस्तावेज नहीं है जिससे वह अपने आपको भारतीय नागरिक साबित कर सके I 1983  से धार्मिक उत्पीडन के कारण श्रीलंका से आये 1 लाख शरणार्थी  जिनमे ज्यातर 85% हिन्दू थे को आज तक भारतीय नागरिकत नहीं मिली है I उसके बाद काबुल से आये हिन्दू सिक्खों को और सिंध प्रान्त से अहै सौला राजपूतो को भारतीय नागरिकता मिल चुकी है I लेकिन मुस्लिमो को आज तक भारतीय नागरिकत नहीं मिली है I सरकार एक धर्म (मुस्लिम) पर चुप्पी क्यों साधे बैठी है ?  क्या मुस्लिम होना अपराध है ? अन्तर्राष्ट्रीय संधि के अनुसार भारत देश मानवीय आधार पर किसी भी देश के शरणार्थीयों को स्वीकार करने से मन नहीं कर सकता है I
 अगर पूरे देश में NRC लागू होती तो देश में भय और डर का माहौल, विध्वंसक स्तिथि और हिन्दू मुस्लिम दंगे होने जैसे हालत बन सकते है देश में 1947 में बंटवारे जैसी स्तिथि पैदा हो सकती है I देश आर्थिक संकट से जूझ सकता है I क्या देश से निकले गए गैर भारतीय नागरिको को दुसरे देश स्वीकार करेंगे शायद नहीं ?  या उन्हें लाखों जेलों में रखा जायेगा या तानाशाही में उनकी हत्या कर दी जाएगी I  पूर्वोत्तर में विरोध प्रदर्शन भयंकर रूप ले रह है I देश भर में दिन रात सडको पर मशाल लेकर आन्दोलन किये जा रहे है यदि जल्द ही इस पर विचार नहीं किया गया तो देश अशांति और भय के माहौल में डूब जायेगा I एक तरफ सरकार कह रही की किसी को भी देश से निकला नही किया जायेगा सभी लोग भारत में रहेंगे I तो क्या लाखों जेल का निर्माण किया जाएगा उन्हें रखने के लिए या एक अलग स्थान पर पहचान करके गैर भारतीय नागरिक , निम्न दर्जे या गुलाम जैसे भेदभाव के आधार पहचान कर यातनायें दी जाएगी I यदि ऐसा होता है तो फिर उनके लिए अलग संविधान नये नये कानून कि मांग भी उठेगी जो कि पूर्णतया नामुमकिन है I क्या यह भारतीय संविधान कि मूल भावना के विपरीत और संविधान के अनुच्छेद 14,19,21,25, और 26 का उल्लंघन नहीं है I क्या धर्मनिरपेक्ष और न्याय के विरुद्ध विधेयक नहीं है ? क्या इससे जातिगत और धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं बढेगा I 
“11-09-1893 अमेरिका के शिकागो की धर्म संसद में  स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि मुझे गर्व है कि मैं उस धर्म से हूँ जिसने दुनिया को सहिष्णुता और सर्वभोमिक स्वीकृति का पाठ पढाया है.हम सभी धर्मो को स्वीकार करते है I मुझे गर्व है कि मैं उस देश से हूँ जिसने सभी धर्मो और सभी देशों के सताए गए लोगों को अपने यहाँ शरण दी I”
 अतः श्रीमान जी से निवेदन है कि भारत देश धर्मनिरपेक्ष देश है और धर्म के आधार पर भारतीय नागरिकता का कोई प्रावधान भारतीय संविधान में नहीं है I नये नागरिकता संशोधित बिल लागू होने से देश में धर्म के आधार पर बाँटने जैसी स्तिथि पैदा हो जाएगी I क्या देश कि जनता द्वारा पूर्ण बहुमत से चुनी हुई या किसी राजनैतिक दल को राजनैतिक लाभ के लिए देश के शांति अमन चैन के साथ खिलवाड़ करने की आजादी मिल जाति है I श्रीमान जी आपसे देश का ह्र नागरिक अपेक्षा करता है कि नये धार्मिक आधार नागरिकत संशोधित बिल जो समानता और न्याय के विरुद्ध है के बारे में विचार कर देश कि अमन शांति को कायम रखने में सार्थक कदम उठाएंगे I